Importance of Chintan : Sripad Nivasacharya Prabhu
चिंतन का महत्व – श्री निवासचार्य प्रभु
एक बार श्री जीव गोस्वामी उज्जवल नीलमणि के एक श्लोक की व्याख्या कर रहे थे, जिसका अर्थ था “मथुरा जाने से पूर्व श्री कृष्ण जिस कदम के पौधे का रोपण कर आये थे, उस पौधे में फूल समय से पूर्व ही खिल आये थे जबकि अन्य कदम के पौधे जो कि उससे पहले बोये गए थे उनमे फूल नही खिले थे| श्री जीव गोस्वामी ने सभी भक्तों से प्रश्न पूछा कि उसी कदम के पौधे में फूल कैसे आ गये?”
श्री जीव को किसी का उत्तर संतोषजनक नही लगा| तभी उन्होंने श्री निवास से पूछा| श्री निवास का उत्तर था, मथुरा जाकर श्री कृष्ण अपने हाथ से लगाए उस पौधे की चिंता किया करते थे| सोचा करते थे कि अब वह बड़ा हो गया होगा और उसमे फूल आगये होंगे| उनकी चिंता वारि से सींचे जाने के कारण वह पौधा शीघ्र बड़ा हो गया और उसमे फूल खिल गए|
श्री जीव गोस्वामी यह सुसिद्धंत सुनकर बहुत प्रसन्न हुए|
जय जय श्री राधे||