jai jai nitai chand
प्रेम के सागर में डूबा आँख जिसपर पड़ गयी नेत्रों से निकलती धार देख नास्तिकों की आँख भर गयी माया
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प्रेम के सागर में डूबा आँख जिसपर पड़ गयी नेत्रों से निकलती धार देख नास्तिकों की आँख भर गयी माया
Read moreअब सौप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में है जीत तुम्हारे हाथों में ओर हार तुम्हारे हाथों
Read moreकृष्ण ! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं । सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते
Read moreनाम जपन क्यों छोड़ दिया ? क्रोध न छोड़ा, झूठ न छोड़ा , सत्य वचन क्यों छोड़ दिया तूने नाम
Read moreमंदिर में तेरे है भगवान , इक नया पुजारी आया है, पूजा में कुछ भी लाया नहीं , बस अलख
Read moreउठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है, जो सोवत है सो खोवत है , जो जागत
Read moreमिलता है सच्चा सुख केवल , भगवान तुम्हारे चरणों में विनती है यही, छिन्न- छिन्न पल-पल , रहे ध्यान तुम्हारे
Read moreबैठ अकेला दो घड़ी ईश्वर के गुण गाया कर, मन मंदिर में गाफिला झाडू रोज लगाया कर सोने में तुने
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